अबके अगर छोड़ना तो ऐसे की हम फिर अब कभी दोबारा ना मिले,
हमे कोई हमदर्द ना मिले कोई हमे अब यहाँ कभी सहारा ना मिले,
हम डूब जाएंगे मोहब्बत के समंदर में किनारे की तलाश ख़ातिर,
हम डूब जाएंगे मोहब्बत के समंदर में किनारे की तलाश ख़ातिर
बस तुम दुआ करना कि मोहब्बत को हमारी कोई कभी किनारा ना मिले।।
कभी कोई किनारा ना मिले , कभी कोई किनारा ना मिले।
कभी दिल में अपने थोड़ी सी छवि मेरी भी जड़ दो ना,
गलती से सही मगर, कभी मेरी भी कोई ग़ज़ल पढ़ दो ना,
हमने ख्वाब सज़ा रखें है तुम्हारे साथ अपने बहुत से,
उन ख्वाबों को भी कभी तुम मेरी हकीकत कर दो ना।।