ABC of Google search and new tricks /- गूगल अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से जानकारी साझा करती है, कि कैसे गूगल सर्च में एबीसी के स्पेलिंग का इस्तेमाल होता है। गूगल ने ऐसी वर्तनी आज से 20 साल पहले बनाई थी। जिसके 1 स्तत के बाद भी सबसे बड़े सर्च इंजन के लिए चुनौती बढ़ रही है। Google ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रतिदिन Google Search पर 10 प्रश्नों में से एक की वर्तन ( स्पेलिंग ) गलत होती है। और हर दिन गूगल नए वर्ड देखती है जो पहले कभी सर्च नहीं किए गए। वो भी गलत वर्तनी के साथ। अपने अन्य प्रश्न जानने से पहले ( Google Search ) गूगल खोज में एबीसी की वर्तनी के बारे में अधिक जानने के लिए पुरा पढ़ें।
सबसे ज्यादा स्पेलिंग में गलती A के लिए होती है।
गूगल की नई ब्लॉग पोस्ट के अनुसार हम स्पेलिंग में गलतियाँ मुख्य रूप से 2 प्रकार की करते हैं : पहली वैचारिक गलती (conceptual mistakes ) जो तब होती है, जिसके बारे में हमें पता नहीं होता कि क्या सर्च करना है। तो उस समय में हम सर्वश्रेष्ठ अनुमान लगा कर खोजते हैं। जिसके स्पेलिंग गूगल सही करने के प्रयास करती है और उस से संबधित वर्तनी वाले शब्द सजेस्ट करती है। दूसरी गलती स्लिप-ऑफ-फिंगर जो हमसे तब होती है, जब गलती से कोई गलत key दब जाता है, यह गलती ज्यादातर स्मार्टफोन्स में होती है , उसके पूर्ण कीबोर्ड के कारण।
Google पर सर्च करने की ट्रिक्स जिससे आएगा सटीक रिजल्ट.
Google पर बहुत बार सर्च करने पर आपको सही परिणाम नहीं मिलता, जिससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। तो आज हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जो आपके लिए फायदेमंद रहेंगे।
१). एस्टरिस्क (*) का उपयोग करना
यह ट्रिक तब काम आती है जब आप कोई वर्ड भूल जाते हैं या फिर कोई रिक्त स्थान खोजना चाहते हैं। जिसके इस्तेमाल से सही जानकारी आपके सामने आ जाएगी। जिसके लिए आपको भूल वर्ड की जगह या रिक्त स्थान की जगह स्तर अर्थात एस्टरिस्क (*) लगाना होगा।
२). vs का इस्तेमाल होगा फायदेमंद.
जिसका इस्तेमाल कर आप किसी की भी आपस में तुलना कर सकते हैं या डिफरेंस प्राप्त कर सकते हैं।
३). डबल इन्वर्टेड कॉमा (“”) के इस्तेमाल से क्या होता?
यह ट्रिक तब काम आती है जब आपको कोई जानकारी को खोजने पर भी नहीं मिलती तो डबल इन्वर्टेड कॉमा (“”) के बीच उस शब्द को लिख कर पूरी जानकारी सही स्टीक प्राप्त कर सकते हैं।
माइनस (-) का प्रयोग सर्च इंजन में कैसे होता है?
इसका बेहद इस्तेमाल तब होता है, जब आप किसी खास जानकारी को प्राप्त नहीं करना चाहते हैं, दूसरे शब्दो में किसी जानकारी को छोड़कर अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो माइनस (-) का इस्तेमाल होगा। इसका इस्तेमाल ब्लॉगर खासकर करते हैं, जिससे वें किसी जानकारी को गूगल पर दिखान से छिपाना चाहते हैं।